An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati
An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
इनमें से सोमवार को भगवान शिव की पूजा में क्या चढ़ाना शुभ होता है?
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। here नारद शारद शीश नवावैं॥
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।